रिहाना मंसूरी को मिला भारत रत्न श्री सी. सुब्रमण्यम अवॉर्ड
यूपी बुंदेलखंड के जिला जालौन की निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रिहाना मंसूरी को 22 मई को नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया नई दिल्ली ने NFI के संस्थापक अध्यक्ष भारत रत्न श्री सी. सुब्रमण्यम स्वामी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस वर्ष 2025 में वह पूरे भारत से अकेली मुस्लिम महिला हैं जो इस सम्मान से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त किया है।यह सम्मान प्रो. वर्जीनियस खा खा जी एवं NCDHR की चेयर परसन बिना पल्लिकल जी के द्वारा प्रदान किया गया।रिहाना मंसूरी ने बताया कि पिछले दस साल से दलित-मुस्लिम महिलाओं बच्चों के लिए उनके हक,अधिकार,सम्मान, शिक्षा व स्वास्थ आदि के लिए कार्य कर रहे हैं उनके इस कार्य को प्रोत्साहन हेतु NFI ने एक लाख रुपए की सम्मान राशि ट्रॉफी प्रमाण पत्र आदि देकर उनके कार्य की सराहना की। रिहाना मंसूरी जी ने बताया कि वे देश के संविधान को सबसे ऊपर रखती हैं हमारे देश के संविधान की द्देशिका में स्पष्ट कहा गया है कि हम भारत के लोग मतलब इसमें कहीं भी कोई जाती, लिंग भाषा, स्थान के विषय में नहीं कहा गया केवल देश वासियों के विषय में कहा गया है इस से स्पष्ट है कि देश के नागरिक को एक समान शिक्षा, स्वास्थ एवं जीने का अधिकार है, लेकिन इसी देश में अलग-अलग जाति, ऊंच-नीच,भेद-भाव से लोग ग्रसित हैं, हमें इस भेद भाव वाली मानसिकता को मिटाने के लिए प्रयास करने होंगे , तथा हमें समाज की सबसे अंतिम पायदान पर जीवन यापन करने वाले समुदाय , व्यक्तियों के विषय पर भी विचार करना होगा। रिहाना मंसूरी जी ने इस प्राप्त राशि को दलित-मुस्लिम महिलाओं के लिए एक सिलाई ट्रैनिंग सेंटर खोलने की घोषणा कि क्यों कि जो महिलाएं पढ़ी नहीं हैं और अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं तो उनके लिए ये सिलाई सेंटर एक साधन होगा कि वो इस समाज व दुनियां में अपनी पहचान बना ने की तरफ़ एक क़दम और बढ़ाए, क्यों कि ये कल युग नहीं (कर्म युग है) यहां सभी को कुछ न कुछ करना ज़रूरी है, सरकार अपने स्तर पर महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए समय समय पर कल्याण कारी योजनाएं एवं कानून बनाती रहती है पर समाज के प्रति हमारी भी कोई जिम्मेदारी बनती है और इसका निर्वाह करने में मैं अपना पूर्ण योगदान देती हूं, ताकि सभी को अपने हक अधिकार और सम्मान से जीने की राह मिले। रिहाना मंसूरी जी ने कहा कि मैं यह सम्मान उन सभी कार्यकर्ताओं को समर्पित करती हूं जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े समुदाय के बारे में विचार करते हैं व उनके जीवन में बदलाव के लिए प्रयास रत हैं। हमारे जैसे सामाजिक कार्यकर्ता दिन रात मेहनत करके उन्हे उनके अधिकार के प्रति जागरूक रहते हैं, रिहाना मंसूरी ने बताया कि इस सम्मान के असली हकदार समाज के उन सभी छोटे छोटे कार्यकर्ता को जाता है, जिन्होंने दिन रात मेहनत करके समाज बदलाव में साथ दिया और बिना एकजुटता के कोई भी कार्य संभव नहीं होता है।
प्रोग्राम में उपस्थित विराज पटनायक (NFI) समीरा अहमद (NFI) एन सी डी एच आर के चेयर बिना पल्लीकल, नेकडोर के चेयर अशोक भारती, सतेंद्र मिश्रा, प्रो. वर्जीनियस खाखा, जैसे लोग उपस्थित थे।